नाम : शिव कुमार शुक्ला
पद : सामाजिक कार्यकर्ता
नवप्रवर्तक कोड : 71183128
परिचय -
सामाजिक कार्यों और गरीबों का सहयोग करने को अपना धर्म मानने वाले शिव कुमार शुक्ला ने बचपन से ही संघर्ष किया है. शिव कुमार ने कक्षा 8 तक ही शिक्षा प्राप्त की, जिसके उपरांत घर में वित्तीय व्यवस्था उचित न होने के कारण मजदूरी करना शुरू किया. उन्होंने महज 16 साल की उम्र से ही मजदूरी कर घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठाना आरम्भ कर दिया था. शिव कुमार जी ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया है. उनका मानना है कि यदि मन में दृढ़ संकल्प हो तो बड़ी से बड़ी बाधा को हटाया जा सकता है.
उन्होंने 6 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से नौकरी शुरू की. इसके बाद शिव कुमार जी दिल्ली में मजदूरी का कार्य करते रहे, तत्पश्चात वह राजस्थान में जेके टायर्स में कार्य करने गये. मजदूरी का काम करते हुए शिव जी ने अपना सफ़र ठेकेदारी तक तय किया. वर्तमान में वे अपना स्वयं का व्यवसाय करते हैं.
सामाजिक कार्य -
सामाजिक कार्यों के प्रति हमेशा सजग रहते हैं. वर्तमान में शिव कुमार जी के निर्देशन में करीब एक हजार लोग काम कर रहे हैं. वे कुछ रुपयों की सहायता को ही सामाजिक कार्य नहीं मानते अपितु वे अपनी क्षमता के अनुसार लोगों को रोजगार देने के कार्य को वास्तविक मदद मानते हैं. शिव कुमार जी ने प्रसिद्ध आंदेश्वर मंदिर, परमट में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का कार्य किया जिससे चोरी पर रोक लग सके. बाइक चोरी को मन्दिर के सामने से रोकने के लिए शिव कुमार जी ने मन्दिर के बाहरी क्षेत्र में भी कैमरे लगवाये.
शिव कुमार जी समाज में आरक्षण व्यवस्था को लेकर सकारात्मक बदलाव चाहते हैं, उनका मानना है कि आरक्षण का आधार पूरी तरह से जातिगत ना होकर आर्थिक होना चाहिए. वे अपना मत रखते हुए कहते हैं कि वर्तमान में आर्थिक रूप से संपन्न वर्ग भी आरक्षण को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं, जो देश के लिए वाकई गलत है. आज बहुत से अन्य वर्गों को वास्तव में आरक्षण की आवश्यकता है और केवल जरुरतमंद वर्गों को ही आरक्षण मिलना चाहिए.
सामाजिक कार्यों में बाधाएं –
शिव कुमार जी राम मन्दिर संघर्ष के कारण फतेहपुर सेन्ट्रल जेल में 14 दिन तक रहे, जिसने उन्हें स्वार्थगत राजनीति से दूर जाने पर विवश कर दिया. अपने व्यवसाय को ही लक्ष्य मान कर कार्य करने का निश्चय किया. उनका मानना है कि यदि किसी कार्य को करने की ठानी जाये तो उसे करने में कुछ न कुछ तो बाधाएं आती हैं. उन बाधाओं से लड़कर या उन लोगों को समझा कर अपना कार्य करना चाहिए.
भविष्य की योजनायें -
शिव कुमार जी भविष्य में गरीब बच्चों को पढ़ने का कार्य करना चाहते हैं. अपने कार्य के साथ वे अन्य लोगों को भी रोजगार दिलाने का कार्य करना चाहते हैं. व्यवस्था को सुचारू करने का प्रयास करना चाहते हैं, क्योंकि सरकार की योजनायें तो दलितों के लिए आती हैं परन्तु इन योजनाओं का लाभ सही व्यक्तियों तक नहीं पहुँच पाता है. इस भ्रष्टाचार को दूर करने की नीति वे चाहते हैं. उनका मन्तव्य है कि कार्य केवल नारों के माध्यम से नहीं बल्कि हकीकत की जमीन पर होना चाहिए.